राॅडाल्फ चर्चिल एवं फ्लेमिंग किसान

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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राॅडाल्फ चर्चिल एवं फ्लेमिंग किसान

   ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में फ्लेमिंग नाम का एक गरीब किसान था। एक दिन वह अपने खेत पर काम कर रहा था। अचानक पास में से किसी के चीखने की आवाज सुनाई पड़ी। किसान ने अपना साजो सामान व औजार फेंका और तेजी से आवाज की तरफ लपका।

आवाज की दिशा में जाने पर उसने देखा कि एक बच्चा दलदल में डूब रहा था । वह बालक कमर तक कीचड़ में फंसा हुआ बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रहा था। वह डर के मारे बुरी तरह कांप पर रहा था और चिल्ला रहा था।

  किसान ने आनन-फानन में लंबी टहनी ढूंढी। अपनी जान पर खेलकर उस टहनी के सहारे बच्चे को बाहर निकाला।

  अगले दिन उस किसान की छोटी सी झोपड़ी के सामने एक शानदार गाड़ी आकर खड़ी हुई।उसमें से कीमती वस्त्र पहने हुए एक सज्जन उतरे ।

  उन्होंने किसान को अपना परिचय देते हुए कहा- " मैं उस बालक का पिता हूं और मेरा नाम राडॉल्फ चर्चिल है।"

  फिर उस अमीर राडाल्फ चर्चिल ने कहा कि वह इस एहसान का बदला चुकाने आए हैं । फ्लेमिंग नामक उस किसान ने उन सज्जन के ऑफर को ठुकरा दिया ।

  उसने कहा - "मैंने जो कुछ किया उसके बदले में कोई पैसा नहीं लूँगा क्योंकि किसी को बचाना मेरा कर्तव्य है। मानवता है, इंसानियत है और उस मानवता इंसानियत का कोई मोल नहीं होता ।"इसी बीच फ्लेमिंग का बेटा झोपड़ी के दरवाजे पर आया।

  उस अमीर सज्जन की नजर अचानक उस पर गई तो उसे एक विचार सूझा । उसने पूछा - "क्या यह आपका बेटा है ?"

  किसान ने गर्व से कहा- "हाँ यह मेरा बेटा है !"

  उस व्यक्ति ने अब नए सिरे से बात शुरू करते हुए किसान से कहा- "ठीक है अगर आपको मेरी कीमत मंजूर नहीं है तो ऐसा करते हैं कि आपके बेटे की शिक्षा का भार मैं अपने ऊपर लेता हूँ । मैं उसे उसी स्तर की शिक्षा दिलवाने की व्यवस्था करूंगा जो अपने बेटे को दिलवा रहा हूँ। फिर आपका बेटा आगे चलकर एक ऐसा इंसान बनेगा , जिस पर हम दोनों गर्व महसूस करेंगे।"

  किसान ने सोचा "मैं तो अपने पुत्र को उच्च शिक्षा दिला पाऊंगा नहीं और ना ही सारी सुविधाएं जुटा पाऊंगा, जिससे कि यह बड़ा आदमी बन सके ।अतः इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता हूँ।"

  बच्चे के भविष्य की खातिर फ्लेमिंग तैयार हो गया ।अब फ्लेमिंग के बेटे को सर्वश्रेष्ठ स्कूल में पढ़ने का मौका मिला।

आगे बढ़ते हुए उसने लंदन के प्रतिष्ठित सेंट मेरीज मेडिकल स्कूल से स्नातक डिग्री हासिल की।

  फिर किसान का यही बेटा पूरी दुनिया में "पेनिसिलिन" का आविष्कारक महान वैज्ञानिक सर अलेक्जेंडर फ्लेमिंग के नाम से विख्यात हुआ।

  लेकिन यह कहानी यहीं खत्म नहीं होती! कुछ वर्षों बाद, उस अमीर के बेटे को निमोनिया हो गया और उसकी जान पेनिसिलीन के इंजेक्शन से ही बची।

 उस अमीर राँडाल्फ चर्चिल के बेटे का नाम था- विंस्टन चर्चिल , जो दो बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे !है न आश्चर्यजनक संजोग।

 इसलिए ही कहते हैं कि व्यक्ति को हमेशा अच्छे काम करते रहना चाहिए। क्योंकि आपका किया हुआ काम आखिरकार लौटकर आपके ही पास आता है ! यानी अच्छाई पलट - पलट कर आती रहती है!

 यकीन मानिए मानवता की दिशा में उठाया गया प्रत्येक कदम आपकी स्वयं की चिंताओं को कम करने में मील का पत्थर साबित होगा।

  कुँए में उतरने के बाद बाल्टी झुकती है,लेकिन झुकने के बाद,भर कर ही बाहर निकलती है।यहीं जिन्दगी जीने का सार है।

जीवन भी कुछ ऐसा ही है-यानि जो झुकता है वो अवश्य,कुछ न कुछ लेकर ही उठता है।


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