भारतीय दर्शन प्रश्नोत्तरी(important questions of indian philosophy)

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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 भारतीय दर्शन प्रश्नोत्तरी(सामान्य परिचय)

indian_philosophy
Important questions of indian philosophy


प्रश्न - दर्शन शब्द का क्या अर्थ है ?
उ. दर्शन शब्द "दृश् धातु" एवं "ल्युट प्रत्यय" से बना है जिसका अर्थ होता है जिसके द्वारा देखा या समझा जाए ।
प्रश्न - भारतीय दर्शन की कितनी धाराएँ है ?
उ. दो(2) - १. आस्तिक धारा २. नास्तिक धारा ।
प्रश्न - आस्तिक दर्शन किसे कहते हैं ?
उ. वेदों को प्रमाण मानने वाले दर्शन आस्तिक दर्शन कहलाते हैं ।
प्रश्न - नास्तिक दर्शन किसे कहते हैं ?
उ. वेदों को प्रमाण रूप न मानने वाले दर्शन नास्तिक दर्शन कहे जाते हैं ।
प्रश्न - आस्तिक दर्शन कितने हैं ?
उ. छः(6)  - सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, पूर्वमीमांसा, उत्तरमीमांसा(वेदान्त) । इन्हें ही षड्दर्शन भी कहा जाता है।
प्रश्न - नास्तिक दर्शन कितने हैं ?
उ. तीन(3) - चार्वाक, बौद्ध, जैन ।
प्रश्न - सभी भारतीय दर्शनों के प्रवर्तक आचार्यों का नाम बताओ ?
उ. 
       दर्शन                            प्रवर्तक 
      सांख्य                        -    कपिल
      योग                           -    पतञ्जलि
      न्याय                          -    गौतम
      वैशेषिक                      -    कणाद
      पूर्वमीमांसा                  -     जैमिनि
      उत्तरमीमांसा(वेदान्त )     -     बादरायण
      चार्वाक                       -    बृहस्पति या चार्वाक
      बौद्ध                           -     गौतम बुद्ध
      जैन                            -    ऋषभदेव महावीरस्वामी      
प्रश्न - नास्तिक किसे कहते हैं ?
उ. वेदों का विरोधी नास्तिक कहा जाता है - नास्तिको वेद निन्दकः ।     
प्रश्न -किस दर्शन को भौतिकवादी या लोकायत दर्शन कहा जाता है ?
उ. चार्वाक दर्शन को ।
प्रश्न - कौन से दर्शन एक दूसरे के पूरक हैं ?
उ. सांख्य एवं योग ।
प्रश्न - किस दर्शन को निरीश्वर सांख्य कहा जाता है ?
उ. सांख्य दर्शन को । क्योंकि यह ईश्वर की सत्ता नहीं स्वीकारता ।
प्रश्न - कौन सा दर्शन सेश्वर सांख्य है ?
उ. योग दर्शन को सेश्वर सांख्य कहा जाता है ।
प्रश्न - सांख्य दर्शन के प्रतिनिधि ग्रन्थ का क्या नाम है ?
उ. सांख्यसूत्र । जिसमें छः अध्याय एवं 537 सूत्र हैं ।
प्रश्न - सांख्य दर्शन कितने प्रमाण मानता है ?
उ. तीन प्रमाण ।
प्रश्न - सांख्य दर्शन कितने तत्त्वों की विवेचना करता है ?
उ. 25 तत्त्वों की ।
प्रश्न - सांख्यदर्शन का प्रमुख सिद्धान्त या वाद है ?
उ. सत्कार्यवाद तथा परिणामवाद ।
प्रश्न - योगदर्शन का प्रतिपादक ग्रन्थ है ?
उ. योगसूत्र । जिसमें चार पाद तथा 195 सूत्र हैं ।
प्रश्न - योगदर्शन कितने प्रमाण मानता है ?
उ. तीन प्रमाण ।
प्रश्न - योगदर्शन में कितने तत्त्वों का विवेचन है ?
उ. 26 तत्त्वों का ।
प्रश्न - योगदर्शन का प्रमुख वाद है ?
उ. सत्कार्यवाद तथा सेश्वरवाद ।
प्रश्न - न्यायदर्शन का प्रतिपादक ग्रन्थ है ?
उ. न्यायसूत्र । जिसमें 5 अध्याय तथा 70 सूत्र हैं
प्रश्न - न्यायदर्शन कितने प्रमाण मानता है ?
. चार प्रमाण (4)
प्रश्न - न्यायदर्शन में कितने पदार्थों की विवेचना है ?
उ. 16 पदार्थों की ।
प्रश्न - न्यायदर्शन का प्रमुख वाद या सिद्धान्त है ?
उ. असत्कार्यवाद और पिठरपाकवाद ।
प्रश्न - वैशेषिक दर्शन का प्रतिनिधि ग्रन्थ है ?
उ. वैशेषिकसूत्र । जिसमें 10 अध्याय तथा 370 सूत्र हैं ।
प्रश्न - वैशेषिक दर्शन कितने प्रमाण मानता है ?
उ. दो प्रमाण(2) ।
प्रश्न - वैशेषिक दर्शन में कितने पदार्थों की विवेचना है ?
उ. सात (7) पदार्थों की ।
प्रश्न - वैशेषिक दर्शन का प्रमुख सिद्धान्त है ?
उ. परमाणुवाद और पीलुपाकवाद ।
प्रश्न - पूर्वमीमांसा दर्शन का प्रतिपादक ग्रन्थ है ?
उ. मीमांसासूत्र । जिसमें 12 अध्याय तथा 2644 सूत्र हैं ।
प्रश्न - पूर्वमीमांसा कितने प्रमाण मानता है ?
उ. छः प्रमाण (6) । 
प्रश्न - पूर्वमीमांंसा का प्रमुख सिद्धान्त क्या है  ?
उ, अपूर्ववाद ।
प्रश्न - उत्तरमीमांसा(वेदान्त) दर्शन  का प्रतिनिधि ग्रन्थ है ?
उ. ब्रह्मसूत्र । जिसमें चार अध्याय तथा 555 सूत्र हैं ।
प्रश्न - उत्तरमीमांसा कितने प्रमाण मानता है ?
उ. छः प्रमाण(6) ।
प्रश्न - उत्तरमीमांसा का प्रमुख सिद्धान्त है ?
उ. विवर्तवाद और मायावाद ।
प्रश्न - बौद्धदर्शन  कितने सम्प्रदायों में विभक्त है ?
उ. चार (4) । १. वैभाषिक, २. सौत्रान्तिक  ३. विज्ञानवादी  ४. शून्यवादी ।
प्रश्न - नागार्जुन किस दर्शन के प्राचीन आचार्य हैं ?
उ. बौद्धदर्शन के ।
प्रश्न - उमास्वाति किस दर्शन के प्राचीन आचार्य हैं ?
उ. जैनदर्शन के ।
प्रश्न - जैनदर्शन के प्रमुख आचार्यों के नाम बताइये ?
उ. अकलंकदेव, विद्यानन्द, हेमचन्द्रसूरि, मल्लिषेण, प्रभासचन्द्र आदि ।
प्रश्न - तर्कप्रधान दर्शन है ?
उ. न्यायदर्शन ।
प्रश्न - न्याय में किस प्रमाण द्वारा ईश्वर सिद्धि की गई है ?
उ. आगमप्रमाण द्वारा ।
प्रश्न - किस दर्शन को औलूक्य दर्शन कहा जाता है ?
उ. वैशेषिक दर्शन को ।
प्रश्न - वेद को स्वतः प्रमाण के रूप में कौन दर्शन स्वीकार करता है ?
उ. पूर्वमीमांसादर्शन ।
प्रश्न - सांख्यकारिका के रचयिता कौन हैं ?
उ. ईश्वरकृष्ण ।
प्रश्न - तर्कभाषा के रचनाकार कौन हैं ?
उ. केशवमिश्र ।
प्रश्न - तर्कभाषा किस दर्शन का प्रतिनिधित्व करता है ?
उ. न्यायदर्शन का ।
प्रश्न - तर्कसंग्रह के रचयिता कौन हैं ?
उ. अन्नम्भट्ट ।
प्रश्न - तर्कसंग्रह किस दर्शन से सम्बन्धित है ?
उ. वैशेषिक दर्शन से ।
प्रश्न - वेदान्तसार किसकी रचना है ?
उ. योगीन्द्र सदानन्द की ।
प्रश्न - अर्थसंग्रह किसकी रचना है ?
उ. लौगाक्षिभास्कर की ।
प्रश्न - अर्थसंग्रह किस दर्शन से सम्बन्धित है ?
उ. मीमांसादर्शन से ।


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