शोध का अर्थ, परिभाषा, तत्व, महत्व, प्रकार, चरण और शोध प्रारूप

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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research
research design


शोध का अर्थ(research meaning)

"शुध्" धातु में "घञ्" प्रत्यय लगाकर शोध शब्द बनता है जिसका अर्थ है शोधन करना अर्थात् किसी विषय अथवा तथ्य का सत्यशः प्रतिपादन करना शोध है । 

  शोध के लिए अंग्रेजी में रिसर्च (Research) शब्द का प्रयोग किया जाता है। रिसर्च मूल रूप से लैटिन के ‘रि’ अर्थात् दुबारा और ‘सर्च’ अर्थात् खोजना से बना है । वैज्ञानिक पद्धति द्वारा ज्ञान प्राप्त करने का निरंतर प्रयास ही शोध है।

शोध की परिभाषा(research definition)  -

 अलग-अलग विद्वानों ने इसे कुछ इस तरह परिभाषित किया है-

1.  रस्क के अनुसार - "शोध एक दृष्टिकोण है, जांच-परख का तरीका और मानसिकता है ।"

2.  रैडमैन और मोरी ने अपनी किताब  “दि रोमांस ऑफ रिसर्च” में शोध का अर्थ स्पष्ट करते हुए लिखा है, कि-

 "नवीन ज्ञान की प्राप्ति के व्यवस्थित प्रयत्न को हम शोध कहते हैं।"

3.  एडवांस्ड लर्नर डिक्शनरी ऑफ करेंट इंग्लिश के अनुसार-

 "किसी भी ज्ञान की शाखा में नवीन तथ्यों की खोज के लिए सावधानीपूर्वक किए गए अन्वेषण या जांच- पड़ताल को शोध की संज्ञा दी जाती है।"

4.  स्पार और स्वेन्सन ने शोध को परिभाषित करते हुए अपनी पुस्तक में लिखा है कि-

"कोई भी विद्वतापूर्ण शोध ही सत्य के लिए, तथ्यों के लिए, निश्चितताओं के लिए अन्चेषण है।"

5.  लुण्डबर्ग ने शोध को परिभाषित करते हुए लिखा है, कि - "अवलोकित सामग्री का संभावित वर्गीकरण, साधारणीकरण एवं सत्यापन करते हुए पर्याप्त कर्मविषयक और व्यवस्थित पद्धति है।"

6.  रूमेल  के अनुसार - "ज्ञान को खोजना, विकसित करना और सत्यापित करना शोध है ।"

शोध को प्रेरित करने वाले चार प्रमुख तत्व(research elements) -

१.  अज्ञात को जानने की जिज्ञासा। 

२.  मौजूदा गहन समस्या के कारणों और प्रभावों को जानने की इच्छा। 

३. भावुकता से परे होकर असली कारणों की खोज करने की इच्छा। 

४.  नया खोजने और पुरानी वैज्ञानिक प्रक्रियाओं/विधियों को जांचने की इच्छा। 

शोध का महत्व(reseach importance) -

१.  शोध हमारे ज्ञान का विस्तार करता है ।

२.  मानव समाज की समस्याओं के हल का रास्ता सुझाता है ।

३.  शोध से तार्किक और समीक्षा की दृष्टि मिलती है ।

४.  शोध के बिना ज्ञान और विकास में वृद्धि संभव नहीं ।

५. बदलती परिस्थितियों में तथ्यों की व्याख्या और पुनर्व्याख्या सिखाता है ।

शोध के प्रकार(types of research) -

1.   मौलिक शोध/विशुद्ध/शैक्षिक शोध-

     इसमें नए सिद्धांतों की स्थापनाओं पर बल दिया जाता है ।

2.  व्यावहारिक शोध- 

     किसी खास समस्या के समाधान के लिए इस शोध के निष्कर्षों का प्रयोग किया जाता है ।

3.  क्रियात्मक शोध-

    इसके शोध निष्कर्षों का प्रयोग किसी समस्या विशेष के निवारण में प्रयोग किया जाता है ।

4.   मात्रात्मक शोध- 

     यह शोध आंकड़ों पर आधारित होता है और इसका निष्कर्ष भी आंकड़ों द्वारा ही निर्धारित होता है ।

5.  गुणात्मक शोध-

     इस शोध में चरों का उनके गुणों के आधार पर विश्लेषण किया जाता है । गुणात्मक से तात्पर्य है गैर संख्यात्मक डेटा संग्रहण या ग्राफ़ या डेटा स्रोत की विशेषताओं पर आधारित स्पष्टीकरण ।

शोध प्रक्रिया के चरण(research stages) -

१.  विषय/समस्या का चुनाव ( Selection of Research Problem)

२.   साहित्य समीक्षा (Review of Literature)

३.   उद्देश्य (Objectives)

४. परिकल्पना/शोध प्रश्न (Hypothesis and Research Question)

५.  शोध विधि और डिजाइन (Research methodology and Design)

६.  यूनिवर्स का चुनाव (Selection of Universe)

७.  आंकड़ों का संग्रह (Data Collection)

८.  आंकड़ों का वर्गीकरण (Classification of Data)

९.  विश्लेषण और व्याख्या (Analysis and Interpretation)

१०.  शोध निष्कर्ष (Research Findings)

११.  सारांश (Summary)

१२.  रिपोर्ट लेखन/ शोध सार (Report writing/ Executive Summary)

१३.  संदंर्भ सूची (Bibliography)

शोध प्रारूप/रिसर्च डिज़ाइन (Research Design)

  शोध को न्यूनतम समय, श्रम तथा ऊर्जा के साथ प्रभावी तरीके तैयार करने के लिए शोध से पूर्व जो रूपरेखा (ब्लूप्रिन्ट) तैयार करते हैं उसे ही शोध डिजाइन कहते हैं । शोध प्रारूप के मुख्य तीन सोपान होते हैं-

1. अवलोकन संबंधी (Observational)

2. सांख्यिकीय(Statistical)

3. क्रिया/प्रचालन संबंधी(Operational)

शोध प्रारूप के प्रकार(types of research design) -

(क) प्रायोगिक शोध प्रारूप (Experimental Research design)- 

प्रयोगिक शोध को कारण और प्रभाव संबंध अध्ययन भा कहा जाता है । इसका लक्ष्य परिकल्पना (Hypothesis) को तथ्यों की कसौटी पर कसना है । इसमें प्रायोगिक तथा नियंत्रण (Control) समूह का प्रयोग किया जाता है । प्रायोगिक शोध के निम्न प्रकार हैं-

1.      एक्स- पोस्ट फैक्टो

2.      पैनल स्टडी

3.      क्वासी- प्रायोगिक

(ख) अन्वेषणात्मक शोध प्रारूप  (Exploratory Research design)  

पहले से मौजूद सिद्धांत का और गहराई से अध्ययन करने के लिए अन्वेषणात्मक (Exploratory) शोध डिजाइन का प्रयोग किया जाता है । इसमें शोधकर्ता विषय को समझता है, क्षेत्र खोजता है, अवधारणा विकसित करता है, शोध के उद्देश्य निर्धारित करता है, परिकल्पना को अंतिम रूप देता है और शोध की सीमाओं पर विचार करता है । इसके लिए निम्न विधियों का प्रयोग किया जाता है-

1. साहित्य समीक्षा

2. सर्वेक्षण

3. केस स्टडी

(ग) वर्णनात्मक शोध प्रारूप (Descriptive Research design)

 किसी स्थिति, समूह या व्यक्ति विशेष की विशेषताएं जानने के लिए वर्णनात्मक (Descriptive) शोध का प्रयोग किया जाता है । इसमें आंकड़ों का संग्रह निम्न प्रकार से होता है-

1. साक्षात्कार, प्रश्नावली और अनुसूची

2. दस्तावेज

3. सर्वेक्षण


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