झौआ गायब नउवा गायब ; हमारे बदलते परिवेश की सुन्दर रचना

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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हमारा बदलता परिवेश ;- झौवा गायब नौवा गायब

झौआ गायब नउआ गायब।

रसरी कय बरवैया गायब।।

हर गायब औ जुअठा गायब

बाबा जी कै सोंटा गायब।।

चना चबैना लइया गायब

जोन्हरी औ गुल्लइया गायब।।

झलुआ द्वारे नाय परत हय

कजरी फाग गवैया गायब।।

आमेक पेड़ अब नाय देखातिन

बगिया कै रखवैया गायब।।

जब से चला हय गिद्ध भोज ई

पांती कय परसैया गायब।।

अंटिया गायब पटिया गायब 

बांसे वाली खटिया गायब।।

आजी जेहपर बैठत रहलीं

घर कै हमरे मचिया गायब।।

चकिया गायब ओखरी गायब

जोन्हरी वाली खुखड़ी गायब।।

अम्मा जेहसे धान कुटत रहीं

होयगा उहव पहरुआ गायब।।

ढेबरी गायब डेहरी गायब

ताखा आउर मसेहरी गायब।।

अमझोरा दुइनव जून बनत रहा

बगियक मोर दशेहरी गायब।।

गोई गायब लढ़िया गायब

दूधे वाली हड़िया गायब।।

बुतका मइहाॅं घोरेन जेहका

बचपन वाली खड़िया गायब।।

हंसुली गायब तरकी गायब

काने वाली लुरकी गायब।।

जबसे सब एडवांस भये हंय

मूड़े पइसे चुनरी गायब।।

घुघरी गायब गादा गायब

बैलन वाला नादा गायब।।

टीन सेड कय चलन भवा अब

द्वारे परकय मड़हा गायब।।

मेढकी गायब केंचुआ गायब

खेतन माकय पेटुआ गायब।।

फास्टफूड जबसे चलिगैबा

घर से होयगै सतुआ गायब।।

ऊ आइस मेहमानी गायब

पहुना कय अगुवानी गायब।।

मोबाइल कय दौर भवा अब

सगुनी कय उठवैया गायब।।

अमावट आउर कचावट गायब

सेंठा केर लिखावट गायब।।

घर घर मिक्सी होय गय भैया

अब तव हय सिलबट्टा गायब।।

गिद्ध आउर गौरैया गायब

खेतन केर मड़ैया गायब।।

अबकी सावन मां ना आये

भौजी केरे सैंया गायब।।

कथरी गायब गुदरी गायब

राबी वाली गगरी गायब।।

प्लास्टिक सब पर हावी होयगा

पाते वाली पतरी गायब।।

सन गायब औ सूजा गायब

बटौरा कै खरबुज्जा गायब।।

हाइब्रिड कय नस्ल चली अब

देशी होइगा बिल्कुल गायब।।

पश्चिमी सभ्यता हावी हय 

सबकुछ गायब कय जाई।

आवय वाली पीढ़ी खातिर

कुछू ना बाकी रहि जाई।।




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