किरातार्जुनीयम् प्रश्नोत्तरी (Important questions of kirataarjuniyam )

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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१. किरातार्जुनीयम् की घण्टापथ टीका के टीकाकार कौन हैं 

उत्तर- मल्लिनाथ।

२. किरातार्जुनीयम् के रचनाकार कौन है ?

उत्तर- महाकवि भारवि । 

३. महाकवि भारवि किस धर्म के अनुयायी थे ?

उत्तर- शैव धर्म ।

४. महाकवि भारवि कहां के निवासी थे ?

उत्तर- धारा नगरी।

५. महाकवि भारवि की माता का नाम क्या था ?

उत्तर-  सुशीला ।

६. महाकवि भारवि के पिता का क्या नाम था ?

उत्तर. श्रीधर । 

७. महाकवि भारवि की पत्नी का क्या नाम था?

उत्तर. रसिकवती/रसिका। 

८. अवंती सुंदरी कथा के अनुसार भारवि के पितामह का क्या नाम था ?

उत्तर. नारायण स्वामी । 

९. महाकवि भारवि का वास्तविक नाम क्या था ?

उत्तर. दामोदर ।

१०. भारवि किस राजा के सभापंडित थे ?

उत्तर. चालुक्यवंशी राजा विष्णुवर्धन के । 

११. उपमा अलंकार के अत्यंत रमणीय प्रयोग के आधार पर विद्वानों ने भारवि को किस उपाधि से अलंकृत किया ?

उत्तर. आतपत्र भारवि । 

१२. भारवि के पितामह कौन थे ?

उत्तर. दण्डी। 

१३. महाकवि भारवि का जीवनवृत्त किस रचना से प्राप्त होता है ?

उत्तर. दण्डी की अवंती सुंदरी कथा से। 

१४. किन तथ्यों के द्वारा महाकवि भारवि के काल के विषय में प्रमाणित सूचना प्राप्त होती है ?

उत्तर.      १. पुलकेशिन द्वितीय का एहोल शिलालेख 

               २. वामन और जयादित्य की काशिकावृत्ति 

               ३. गुम्मरेड्डीपुर का पत्रलेख

१५. "स विजयतां रविकीर्तिः कविताश्रितकालिदासभारवि कीर्तिः" यह किस शिलालेख में प्राप्त होता है ?

उत्तर. दक्षिण भारतीय चालुक्य वंशी नरेश पुलकेशिन द्वितीय के ऐहोल शिलालेख में जिसका समय 634 ईसवी (556 शकाब्द) शिलालेख में प्राप्त होता है ।

१६. ऐहोल शिलालेख के रचयिता कौन है ?

उत्तर. जैन कवि रविकीर्ति । 

१७. ऐहोल शिलालेख कहां से प्राप्त होता है ?

उत्तर. दक्षिण भारत के बीजापुर जिले के एहोल नामक ग्राम में एक जैन मंदिर से ।

१८.  महाकवि भारवि का समय क्या है ?

उत्तर. छठी शताब्दी का उत्तरार्द्ध और सातवीं शताब्दी का पूर्वार्ध। 

१९. "नारिकेलफलसम्मितं वचः"  यह किसके लिए प्रयुक्त किया गया है ?

उत्तर. भारवि के लिए। 

२०. "नृपायते भारविरात्तकीर्तिः"  महाकवि भारवि के लिए किस आचार्य के कथन हैं ?

उत्तर. आचार्य कपिल देव द्विवेदी। 

२१. बृहत्त्रयी में परिगणित है ?

उत्तर. नैषधीयचरितं, शिशुपालवधं, किरातार्जुनीयम्। 

२२. किरातार्जुनीयम् का कथानक कहां से उद्धृत है ?

उत्तर. महाभारत के प्रथम पर्व (आदिपर्व) से। 

२३. किरातार्जुनीयम् में कितने सर्ग हैं ?

उत्तर. 18 सर्गों में। 

२४. किरातार्जुनीयम् में कुल कितने श्लोक हैं ?

उत्तर. 1040 श्लोक। 

२५. किरातार्जुनीयम् महाकाव्य का नायक कौन है ?

उत्तर. अर्जुन। 

२६. किरातार्जुनीयम् पद की व्युत्पत्ति क्या है ?

उत्तर. किरातश्च अर्जुनश्च इति किरातार्जुनौ (द्वन्द्व-समास) तौ अधिकृतं कृतं काव्यम् इति किरातार्जुनीयम् ।

२७. किरातार्जुनीयम् में प्रत्यय है

उत्तर. 'छ' प्रत्यय। 

२८. 'किरातार्जुनीयम्' महाकाव्य का मुख्य रस क्या है ?

उत्तर. वीर रस। 

२९. अर्थगौरव के लिए प्रसिद्ध है ?

उत्तर. महाकवि भारवि। 

३०. 'श्री' पद से प्रारंभ किया गया महाकाव्य कौन सा है ?

उत्तर. किरातार्जुनीयम्। 

४०. वर्णिलिंगी शब्द का क्या अर्थ है ?

उत्तर. ब्राह्मण। 

४१. इस ग्रंथ का प्रारंभ किस स्थल से होता है ?

उत्तर. द्वैतवन से। 

४२. दुर्योधन किस देश का राजा है ?

उत्तर. कुरुदेश। 

४३. महाराज युधिष्ठिर ने राजा दुर्योधन के प्रजा विषयक व्यवहार को जानने के लिए किसे नियुक्त किया ?

उत्तर. वनेचर को। 

४४. कुरुणामधिपः कः ?

उत्तर. दुर्योधनः। 

४५. वर्णी लिंगी कः ?

उत्तर. वनेचरः। 

४६. किरातार्जुनीयम् में किस प्रकार का मंगलाचरण किया गया है ?

उत्तर. वस्तु-निर्देशात्मक मङ्गलाचरण। 

४७. 'द्वैतवन' में कौन सा समास है

उत्तर. कर्मधारय समास। 

४८. 'वर्णिलिंगी' में कौन सा प्रत्यय है

उत्तर. 'इनि' प्रत्यय। 

४९. 'युधिष्ठिरः' में कौन सा समास है ?

उत्तर. सप्तमी तत्पुरुष समास। 

५०. हित चाहने वाले लोग किस प्रकार के वचन नहीं बोलते हैं ?

उत्तर. मिथ्यावचन। 

५१. कस्य मनो न विव्यथे ?

उत्तर. वनेचरस्य ।

५२. चारचक्षुषः कः ?

उत्तर. प्रभवः । 

५३. किस प्रकार के वचन दुर्लभ होते हैं ?

उत्तर. हितकारी और मनोहर। 

५५. चारचक्षुषः में कौन सा समास है ?

उत्तर. बहुव्रीहि समास। 


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