मृत्यु सन्निकट हो तब क्या करें ? What to do when death is imminent?

SHARE:

 जिस व्यक्ति की मृत्यु सन्निकट हो उसे क्या करना चाहिए ? (What should a person whose death is imminent, do?) यह संसार असार है । दुःखरूप एवं व...

 जिस व्यक्ति की मृत्यु सन्निकट हो उसे क्या करना चाहिए ? (What should a person whose death is imminent, do?)




यह संसार असार है । दुःखरूप एवं विमोहनकारी है । किसी भी तरह से इस संसार में सुखप्राप्ति की आशा नहीं है। ( This world is futile. It is sad and captivating. There is no hope of achieving happiness in this world by any means.)

 असारः खलु संसारः दुःखरूपी विमोहकः । 

Asāraḥ khalu sansāraḥ duḥkharūpī vimōhakaḥ.

  यहाँ कोई भी वस्तु टिकाऊ नहीं है , सब मिटाऊ है । (Nothing is permanent here, everything is perishable.)

जातस्य हि ध्रुवो मृत्युः । 

Jātasya hi dhruvō mr̥tyuḥ.

 अर्थात् जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु सुनिश्चित है । जिस प्रकार व्यक्ति अपने फटे-पुराने वस्त्रों को छोड़कर नूतन वस्त्र धारण करता है उसी प्रकार यह आत्मा भी जीर्ण शरीर का परित्याग कर नूतन शरीर में प्रवेश करती है ( That is, the one who is born is sure to die. Just as a person leaves his old clothes and wears new clothes, similarly this soul also leaves the old body and enters the new body.)

वासांसि जीर्णीनि यथा विहाय
नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि ।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा-
न्यन्न्यानि संयाति नवानि देही ॥

vaasaansi jeerneeni yatha vihaay
 navaani grhnaati naroparaani .
 tatha shareeraani vihaay jeerna- 
nyannyaani sanyaati navaani dehee .

तो एक न एक दिन इस शरीर को छोड़ना ही पड़ेगा । ( So one day one or the other will have to leave this body.)

   जब व्यक्ति का अन्तिम क्षण आता है, तब वह बहोत बेचैन हो जाता है । वह समझ नहीं पाता कि अन्तिम पल में क्या करे ? इस सार्वभौम प्रश्न का उत्तर भगवान स्वयं बताते हैं । उसी गूढ़ प्रश्न का निरूपण हम आगे कर रहे हैं ।(When the last moment of a person comes, then he becomes very restless. He doesn't know what to do at the last moment. The answer to this universal question is given by God Himself. We are going to formulate the same puzzling question next.)

   एक बार की बात है कि शतानीक महाराज शौनक मुनि के पास आए । शौनक जी ने उनका स्वागत सत्कार कर आसन पर बैठाया । आसनासीन होने के बाद शतानीक ने शौनक जी से प्रश्न किया कि हे महामुनि शौनक जी !(Once upon a time, Shatanik Maharaj came to Shaunak Muni. Shaunak ji welcomed him and made him sit on the seat. After being seated, Shatanik asked Shaunak ji that O great sage Shaunak ji!)

"सततं किं जपेज्जाप्यं विबुधः किमनुस्मरन् ।
मरणे यज्जपेज्जाप्यं यं च भावमनुस्मरन् ॥"

"Satataṁ kiṁ japējjāpyaṁ vibudhaḥ kimanusmaran.
 Maraṇē yajjapējjāpyaṁ yaṁ ca bhāvamanusmaran."

   अर्थात्, निरन्तर किसका जप करें ? , सुधीजन किसका स्मरण करें ?, मृत्यु के समय किस भाव से क्या करे ? शौनक मुनि ने इन प्रश्नों का उत्तर देने के लिए एक संवाद का आश्रय लिया । शौनक जी ने कहा - हे ब्रह्मदेव ! जो प्रश्न आपने किया है वही प्रश्न एक बार महाराज युधिष्ठिर ने भीष्म पितामह से किया । इस पर भीष्म पितामह जी ने महामुनि नारद और नारायण का संवाद सुनाया ।(That is, who should be chanted continuously? Whom should Sudhijan remember?, What to do at the time of death? To answer these questions, Saunaka Muni took the help of a dialogue. Shaunak ji said - O Brahmadev! Maharaj Yudhishthira once asked the same question you have asked to Bhishma Pitamah. On this Bhishma Pitamah ji narrated the dialogues of Mahamuni Narad and Narayan.)

नारद जी ने नारायण से कहा - हे प्रभु ! क्या जपनीय तथा क्या स्मरणीय है? जिसकी मृत्यु सन्निकट हो वह क्या करे? (Narad ji said to Narayan - O Lord! What is memorable and what is memorable? What should he do if his death is imminent?)

किं च जप्यं जपेन्नित्यं कल्यमुत्थाय मानवः ।
कथं युञ्जन् सदा ध्यायेद् ब्रूहि तत्त्वं सनातनम् ॥

Kiṁ ca japyaṁ japēnnityaṁ kalyamut'thāya mānavaḥ. 
Kathaṁ yuñjan sadā dhyāyēd brūhi tattvaṁ sanātanam.

भगवान कहते हैं कि "हे नारद ! मैं तुम्हें यह दिव्य अनुस्मृति प्रदान करता हूँ जिसे जानकर कोई भी व्यक्ति मृत्यु  के भयंकर क्षण को पार कर मेरे परमपद का अधिकारी हो जाएगा ।"(The Lord says that "O Narada! I bestow upon you this divine remembrance, knowing which one will be able to pass through the dreadful moment of death and become worthy of my supreme abode.") 

"हन्त ते कथयिष्यामि इमां दिव्यामनुस्मृतिम् ।
यामधीत्य     प्रयाणे   तु    मद्भावायोपपद्यते ॥"

"hant te kathayishyaami imaan divyaamanusmrtim .
 yaamadheety prayaane tu madbhaavaayopapadyate ."

   हे नारद ! जिस व्यक्ति की मृत्यु सन्निकट हो उसे मन को एकाग्र कर लेना चाहिए । मन को एकाग्र करने के लिए प्राणायामपूर्वक "ॐकार"  का उच्चारण करना चाहिए । जब मन एकाग्र हो जाए तो मेरा स्मरण करते हुए "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" इस द्वादशाक्षर मन्त्र का निरन्तर जप करे। ऐसा करने से निश्चय ही वह व्यक्ति जन्म-मरण के चक्र से छूटकर मुक्त हो जाएगा ।( O Narada! The person whose death is imminent, he should concentrate his mind. To concentrate the mind, one should chant "Omkar" with Pranayama. When the mind becomes concentrated, remembering Me, chant this Dwadashakshar mantra continuously. By doing this, surely that person will be freed from the cycle of birth and death.)

ॐकारमग्रतः कृत्वा मां नमस्कृत्य नारद ।
एकाग्रः प्रयतो भूत्वा इमं मन्त्रमुदीरयेत् ॥
ॐ नमो भगवते वासुदेवायेति ॥
omkaaramagratah krtva maan namaskrty naarad . 
ekaagrah prayato bhootva iman mantramudeerayet . 
om namo bhagavate vaasudevaayeti .



इस प्रकार मृत्यु के अन्तिम पल में यत्न पूर्वक एकाग्र होकर चतुर्भुज स्वरूप का स्मरण करते हुए द्वादशाक्षर मन्त्र का निरन्तर जप करे ।(In this way, at the last moment of death, by concentrating diligently, remembering the four-armed form, chant the Dwadshakshar mantra continuously.) 

COMMENTS

BLOGGER
नाम

अध्यात्म,200,अनुसन्धान,19,अन्तर्राष्ट्रीय दिवस,2,अभिज्ञान-शाकुन्तलम्,5,अष्टाध्यायी,1,आओ भागवत सीखें,15,आज का समाचार,13,आधुनिक विज्ञान,19,आधुनिक समाज,146,आयुर्वेद,45,आरती,8,उत्तररामचरितम्,35,उपनिषद्,5,उपन्यासकार,1,ऋग्वेद,16,ऐतिहासिक कहानियां,4,ऐतिहासिक घटनाएं,13,कथा,6,कबीर दास के दोहे,1,करवा चौथ,1,कर्मकाण्ड,119,कादंबरी श्लोक वाचन,1,कादम्बरी,2,काव्य प्रकाश,1,काव्यशास्त्र,32,किरातार्जुनीयम्,3,कृष्ण लीला,2,क्रिसमस डेः इतिहास और परम्परा,9,गजेन्द्र मोक्ष,1,गीता रहस्य,1,ग्रन्थ संग्रह,1,चाणक्य नीति,1,चार्वाक दर्शन,3,चालीसा,6,जन्मदिन,1,जन्मदिन गीत,1,जीमूतवाहन,1,जैन दर्शन,3,जोक,6,जोक्स संग्रह,5,ज्योतिष,49,तन्त्र साधना,2,दर्शन,35,देवी देवताओं के सहस्रनाम,1,देवी रहस्य,1,धर्मान्तरण,5,धार्मिक स्थल,48,नवग्रह शान्ति,3,नीतिशतक,27,नीतिशतक के श्लोक हिन्दी अनुवाद सहित,7,नीतिशतक संस्कृत पाठ,7,न्याय दर्शन,18,परमहंस वन्दना,3,परमहंस स्वामी,2,पारिभाषिक शब्दावली,1,पाश्चात्य विद्वान,1,पुराण,1,पूजन सामग्री,7,पौराणिक कथाएँ,64,प्रश्नोत्तरी,28,प्राचीन भारतीय विद्वान्,99,बर्थडे विशेज,5,बाणभट्ट,1,बौद्ध दर्शन,1,भगवान के अवतार,4,भजन कीर्तन,38,भर्तृहरि,18,भविष्य में होने वाले परिवर्तन,11,भागवत,1,भागवत : गहन अनुसंधान,27,भागवत अष्टम स्कन्ध,28,भागवत एकादश स्कन्ध,31,भागवत कथा,118,भागवत कथा में गाए जाने वाले गीत और भजन,7,भागवत की स्तुतियाँ,3,भागवत के पांच प्रमुख गीत,2,भागवत के श्लोकों का छन्दों में रूपांतरण,1,भागवत चतुर्थ स्कन्ध,31,भागवत तृतीय स्कन्ध,33,भागवत दशम स्कन्ध,90,भागवत द्वादश स्कन्ध,13,भागवत द्वितीय स्कन्ध,10,भागवत नवम स्कन्ध,25,भागवत पञ्चम स्कन्ध,26,भागवत पाठ,58,भागवत प्रथम स्कन्ध,21,भागवत महात्म्य,3,भागवत माहात्म्य,12,भागवत मूल श्लोक वाचन,55,भागवत रहस्य,53,भागवत श्लोक,7,भागवत षष्टम स्कन्ध,19,भागवत सप्तम स्कन्ध,15,भागवत साप्ताहिक कथा,9,भागवत सार,33,भारतीय अर्थव्यवस्था,4,भारतीय इतिहास,20,भारतीय दर्शन,4,भारतीय देवी-देवता,6,भारतीय नारियां,2,भारतीय पर्व,40,भारतीय योग,3,भारतीय विज्ञान,35,भारतीय वैज्ञानिक,2,भारतीय संगीत,2,भारतीय संविधान,1,भारतीय सम्राट,1,भाषा विज्ञान,15,मनोविज्ञान,1,मन्त्र-पाठ,7,महापुरुष,43,महाभारत रहस्य,33,मार्कण्डेय पुराण,1,मुक्तक काव्य,19,यजुर्वेद,3,युगल गीत,1,योग दर्शन,1,रघुवंश-महाकाव्यम्,5,राघवयादवीयम्,1,रामचरितमानस,4,रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण,124,रामायण के चित्र,19,रामायण रहस्य,65,राष्ट्रीयगीत,1,रुद्राभिषेक,1,रोचक कहानियाँ,150,लघुकथा,38,लेख,168,वास्तु शास्त्र,14,वीरसावरकर,1,वेद,3,वेदान्त दर्शन,10,वैदिक कथाएँ,38,वैदिक गणित,1,वैदिक विज्ञान,2,वैदिक संवाद,23,वैदिक संस्कृति,32,वैशेषिक दर्शन,13,वैश्विक पर्व,9,व्रत एवं उपवास,35,शायरी संग्रह,3,शिक्षाप्रद कहानियाँ,119,शिव रहस्य,1,शिव रहस्य.,5,शिवमहापुराण,14,शिशुपालवधम्,2,शुभकामना संदेश,7,श्राद्ध,1,श्रीमद्भगवद्गीता,23,श्रीमद्भागवत महापुराण,17,संस्कृत,10,संस्कृत गीतानि,36,संस्कृत बोलना सीखें,13,संस्कृत में अवसर और सम्भावनाएँ,6,संस्कृत व्याकरण,26,संस्कृत साहित्य,13,संस्कृत: एक वैज्ञानिक भाषा,1,संस्कृत:वर्तमान और भविष्य,6,संस्कृतलेखः,2,सनातन धर्म,2,सरकारी नौकरी,1,सरस्वती वन्दना,1,सांख्य दर्शन,6,साहित्यदर्पण,23,सुभाषितानि,8,सुविचार,5,सूरज कृष्ण शास्त्री,455,सूरदास,1,स्तोत्र पाठ,59,स्वास्थ्य और देखभाल,1,हँसना मना है,6,हमारी संस्कृति,93,हिन्दी रचना,32,हिन्दी साहित्य,5,हिन्दू तीर्थ,3,हिन्दू धर्म,2,about us,2,Best Gazzal,1,bhagwat darshan,3,bhagwatdarshan,2,birthday song,1,computer,37,Computer Science,38,contact us,1,darshan,17,Download,3,General Knowledge,29,Learn Sanskrit,3,medical Science,1,Motivational speach,1,poojan samagri,4,Privacy policy,1,psychology,1,Research techniques,38,solved question paper,3,sooraj krishna shastri,6,Sooraj krishna Shastri's Videos,60,
ltr
item
भागवत दर्शन: मृत्यु सन्निकट हो तब क्या करें ? What to do when death is imminent?
मृत्यु सन्निकट हो तब क्या करें ? What to do when death is imminent?
https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjum-9j7AzKIxrIMOfpJbHQ3ZrAXGPK1wXnA7znfV37b5MK-R3_mXI0AtVIOe9BcpLERUHz7uRcvCQPzcVMWmlAV6kXfESvZT99oZJIVt0fqYU5KuwM19OcrQOYxLqCTF0BJJIXgYSXULQPPwYqKdMQzc3wigNVs02wj1HThnKaylCEB_GxmH9dKYCX=w266-h320
https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjum-9j7AzKIxrIMOfpJbHQ3ZrAXGPK1wXnA7znfV37b5MK-R3_mXI0AtVIOe9BcpLERUHz7uRcvCQPzcVMWmlAV6kXfESvZT99oZJIVt0fqYU5KuwM19OcrQOYxLqCTF0BJJIXgYSXULQPPwYqKdMQzc3wigNVs02wj1HThnKaylCEB_GxmH9dKYCX=s72-w266-c-h320
भागवत दर्शन
https://www.bhagwatdarshan.com/2022/02/blog-post_14.html
https://www.bhagwatdarshan.com/
https://www.bhagwatdarshan.com/
https://www.bhagwatdarshan.com/2022/02/blog-post_14.html
true
1742123354984581855
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content