आरति अतिपावन पुराण की,
धर्म भक्ति विज्ञान खान की,
महापुराण भागवत निर्मल,
शुक-मुख-विगलित निगम-कल्प-फल,
परमानन्द-सुधा रसमय कल,
लीला रति रस रसनिधान की,
आरति...............
कलिमल मथनि त्रिताप निवारिणि,
जन्म मृत्युमय भव भयहारिणि ,
सेवत सतत सकल सुखकारिणि,
सुमहौषधि हरि चरित गान की,
आरति................
विषय विलास विमोह विनाशिनि,
विमल विराग विवेक विनाशिनि,
भागवत तत्व रहस्य प्रकाशिनि,
परम ज्योति परमात्मा ज्ञान की,
आरति....................
परमहंस मुनि मन उल्लासिनि,
रसिक हृदय रस रास विलासिनि,
भुक्ति मुक्ति रति प्रेम सुदासिनि,
कथा अकिञ्चन प्रिय सुजान की,
आरति..............
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