नीतिशतक श्लोक संख्या 2

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
By -
neetishatak 2
neetishatak 2

बोद्धारो मत्सरग्रस्ताः प्रभवः स्मयदूषिताः ।

अबोधोपहताश्चान्ये जीर्णमङ्गे सुभाषितम्  ।।२।।

 हिन्दी अनुवाद -

विषयों के जानकार अर्थात बुद्धिमान् व्यक्ति तो ईर्ष्या द्वेष से ग्रस्त हैं । शासक स्वामी या राजा लोग अहंकार से युक्त हैं । और दूसरे लोग अज्ञान युक्त हैं,अतः कवियों के सुंदर वचन शरीर में ही नष्ट हो रहे हैं अर्थात् उनका उपयोग न होने की दशा में वह कविजनों की वाणी का विषय ही नहीं हो पा रहे हैं ।

   

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!