भर्तृहरि की रचनाएं
भर्तृहरि के नाम से चार रचनाएं कहीं जाती हैं -
१. नीतिशतक(१११श्लोक)
२. श्रृंगारशतक (१०३श्लोक)
३. वैराग्यशतक (१११श्लोक)
४. वाक्पदीयम्(व्याकरण ग्रन्थ)
क्योंकि, संस्कृत साहित्य में कई भर्तृहरि का उल्लेख आता है, अतः ऐसा भी कहा जाता है कि "वाक्पदीय" व्याकरण सम्मत एक उत्कृष्ट कोटि का ग्रंथ है । इस के प्रणेता भर्तृहरि तो हैं परंतु वे दूसरे हैं जिनका उल्लेख चीनी यात्री इत्सिंग ने किया है । परंतु आज ऐतिहासिक साक्ष्यों के अभाव में यह चारों रचनाएं भर्तृहरि की ही मानी जाती हैं ।